महामृत्युञ्जय मंत्र |

महामृत्युञ्जय मंत्र |
(स्वस्थ अमृत-जीवन के लिये)
हौं जूँ सः। भूर्भुवः स्वः।
त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्व्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।
स्वः भुवः भूः ॐ। सः जूँ हौं

"  मैं त्रिनेत्रहारी भगवान शिव की उपासना करता हूँ जो
सुगन्धिमय हैं तथा जो सारे प्राणियों को पुष्टि प्रदान करते हैं। वे मुझे
अमृत्व प्रदान करने के लिए मृत्यु से उसी प्रकार मुक्त करें जिस प्रकार
ककड़ी का फल अपनी लता के बन्धन से छुटकारा प्राप्त करता है।"
इस मन्त्र के द्वारा सर्पदंश, बिजली- मोटर दुर्घटना तथा अन्य सारे
प्रकार की दुर्घटनाओं से जीवन की रक्षा होती है। यह रोगों का निवारण
करता है। यह मोक्ष का भी मन्त्र है। यह भगवान शिव का मन्त्र है। यह
दीर्घायु, शान्ति, धन, सम्पत्ति, तुष्टि, पुष्टि तथा मोक्ष प्रदान करता है।

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